प्रेगनेंसी में हर पत्‍नी को होती है पति से ये उम्‍मीदें, ज़रूर ध्यान दें

प्रेगनेंसी में हर पत्‍नी को होती है पति से ये उम्‍मीदें

प्रेगनेंसी (pregnancy) –

प्रेगनेंसी एक ऐसी अवस्था है, जिसमें एक औरत को कई तरह के उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. एक ओर मन घर में नए मेहमान के आने की खुशी मन में हिलोरे मारती है, तो दूसरी ओर शारीरिक और मानसिक बदलाव उसे बेचैन किए रहते हैं.

कभी मूड स्वींग्स परेशान करते हैं, तो कभी कांस्ट‍िपेशन या कोई दूसरी समस्या. उसे समझ नहीं आता कि एक दम से इतने सारे बदलावों को कैसे संभाला जाए. ऐसे में अगर कोई उसकी परेशानी को सचमुच कम कर सकता है, तो वह है उसका पति.

प्रेगनेंसी

आजकल परिवार छोटे होते हैं और प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के दौरान महिलाओं को परिवार की बड़ी महिलाओं का साथ और मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है. ऐसे में पति का रोल बहुत अधिक बढ़ जाता है. इस नाजुक दौर में हर पति को अपनी पत्‍नी के लिए कुछ ऐसा करने चाहिए जो उन्‍हें बोलने की जरुरत न पड़े और उन्‍हें आप ये महसूस कराएं कि आप उनसे कितना प्‍यार करते हैं.

एक अच्छे पति और पिता की जिम्मेदारियों को निभाते हुए आप अपनी पत्नी की प्रेगनेंसी को आसान बनाने में मदद कर सकते हैं और ऐसे में आप यह जानना चाहेंगे कि आप कैसे अपनी पत्नी की प्रेगनेंसी को आसान बना सकते हैं. तो यहाँ आपको एक पति होने की जिम्मेदारियों के बारे में बताया गया है, जो आपके लिए जानना बहुत जरूरी है.

प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के दौरान होने वाले पिता के कुछ कर्तव्य बताये गए हैं जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए ताकि आप एक हेल्पफुल हस्बैंड और एक अच्छे पिता बन सकें –

(1) खान पान का रखें ध्यान (Take care of your diet) –

प्रेगनेंसी में महिला के टेस्ट में भी बदलाव आता है, ऐसे में महिला का कई बार खट्टा और कई बार तीखा, तो कभी बार मीठा खाने का दिल करता है, ऐसे में पति को अपनी पत्नी की इच्छा का ध्यान रखते हुए उसे पूरा करना चाहिए.

प्रेगनेंसी

ऐसा करने से उन्हें अपनी पत्नी को खुश करने का मौका मिलता है, जिससे महिला के खुश रहने का असर आपके बच्चे को भी स्वस्थ्य रखता है, पर कोशिश करें की अपनी पत्नी को ज्यादा बाहर का न खिलाएं. प्रेगनेंसी

(2) काम में मदद (Help with work) –

प्रेग्नेंट होने के बाद महिला के शरीर में काफी परिवर्तन आते हैं. इसलिए घर के कामों में उनकी सहायता करें. जितना हो सके उन्हें खुश रखने की कोशिश करें. प्रेगनेंसी

बच्चे  के जन्म के बाद भी शरीर में काफी कमजोरी आ जाती है ऐसे में घर में किसी तरह का बड़ा प्लान ना बनाएं जिससे उनपर बोझ पड़े.

(3) फ्लेक्सिबल बनें (Be flexible) –

हो सकता है कि आप बहुत ही व्यस्त शख्स हों, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी गर्भवती पत्नी को पूरी अहमियत दें. वह भले ही कितनी ही बार आपको कॉल करें हर बार उनके फोन का जवाब दें. अगर आप व्यस्त हैं, तो फोन उठाकर उन्हें बता दें कि आप व्यस्त हैं पर टाइम निकाल कर कॉल जरूर करें. प्रेगनेंसी

(4) शिशु की हरकत पर ध्‍यान दें (Pay attention to baby’s movements) –

शिशु  की पहली हरकत पर महिलाएं अपने पति की प्रतिक्रिया जानने के लिए उत्‍सुक रहती हैं. महिलाएं चाहती हैं कि बच्चे के लिंग को लेकर उनके पति भी उनके जितना ही उत्‍सुक रहें और इस दौरान प्रेग्‍नेंसी से जुड़ी हर बात को ध्‍यान से सुनें.

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(5) प्रेगनेंसी से जुड़ी चीजों के बारे में पढ़ें (Read about things related to pregnancy) –

कभी-कभी, सिर्फ जानना और समझना कि आपकी पत्नी किस परिस्थिति से गुजर रही है, यही एक बहुत बड़ा कदम होता है. इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली सभी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करें.

जब आपकी पत्नी प्रेग्नेंट होती है उस समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, इसलिए खाने की आदतें, कपड़े या सप्लीमेंट और मॉर्निंग सिकनेस जैसी गंभीर चीजों को पढ़ें और जानें, ताकि आप अपनी पत्नी को बेहतर तरीके से सपोर्ट कर सकें.

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(6) अच्छा रिऐक्शन है जरूरी (Good reaction is important) –

जब आपकी पत्नी आपको प्रेग्नेंट होने की जानकारी दे तो जरूरी है कि आप उसे एक प्यार भरा रिऐक्शन दें. उस स्थिति में भी जब आप बच्चा प्लान ना कर रहे हों.

जी हां, यह जरूरी है क्योंकि इस स्थिति में अगर आप नकारात्मकता का भाव चेहरे पर लाते हैं तो पत्नी का आत्मविश्वास गिर जाएगा और वो अपराधबोध से भर सकती है. जो इस स्थिति में उसके लिए बिल्कुल सही नहीं है.

(7) बदलाव को स्वीकार करें (Accept change) –

प्रेगनेंसी  के बाद महिला के शरीर में इतना बदलाव आता है कि रोजमर्रा के काम भी नहीं हो पाते हैं. इसलिए अगर किसी दिन आपको खाना खुद बनाना पड़ें तो इसके लिए सोचें ना.

(8) बताएं कि वह खूबसूरत है (Tell me she is beautiful) –

प्रेगनेंसी  को लेकर हर औरत के मन का ड़र होता है उसके फिगर का बिगड़ना और शरीर का भारी हो जाना. ऐसे में वह खुद को शीशे में जज करने लगती हैं. वह अपने लुक्स को लेकर ड़री रहती हैं.

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इसलिए जरूरी है कि आप समय समय पर उनकी तारीफ करते रहें. उनके शरीर में आने वाले बदलावों या मूड स्विंग्स का मजाक न बनाएं. उन्हें ये न कहें कि वे अब मोटी और भद्दी दिखती हैं. वे आपके बच्चे को इस संसार में लाने वाली हैं.

उनका शरीर इस समय एक नए जीवन को गढ़ रहा है, तो इससे सुंदर भला इस संसार में आपके लिए और क्या हो सकता है. इसलिए उन्हें भी ये अहसास कराएं कि वह इस समय में भी कितनी खूबसूरत लगती हैं न कि उनका मजाक बनाएं.

(9) दिल पर ना लें (Don’t take it to heart) –

अपनी पत्‍नी की बोली गई हर बात को दिल से ना लगाएं. प्रेगनेंसी  के दौरान महिलाओं के मूड में बहुत बदलाव आता है और कई शारीरिक दिक्‍कतों के कारण वो परेशान भी रहती हैं.ऐसे में अगर वो आपको कुछ कह भी देती हैं तो उनकी बातों को दिल से ना लगाएं.

(10) मॉर्निंग सिकनेस से निपटने में उनकी मदद करें (Help them deal with morning sickness) – 

मॉर्निंग सिकनेस के कारण बहुत परेशानी होती जिससे आपकी पत्नी को बहुत थकावट महसूस हो सकती है. एक पति के रूप में, आपको इस समय के दौरान अपनी पत्नी का साथ देने की बहुत जरूरत है. उन्हें कम्फर्टेबल फील कराने का प्रयास करें.

उनके लिए आराम करने की एक जगह बनाएं, ताकि उन्हें जब भी मॉर्निंग सिकनेस महसूस हो तो वह आराम कर सकें.

(11) सुबह शाम वॉक पर जाने के लिए प्रेरित करें (Motivate to go for a walk in the morning and evening) –

महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कही बार जाने का मन हमेशा करता है, परंतु कई बार असहज महसूस होने के कारण या किसी और वजह से वो नहीं जाती हैं.

ऐसे में उसे प्रकृति के दृश्य, और उससे मिलने वाले लाभ को लेने के लिए महिला के पति को सुबह और रात को खाना खाने के बाद थोड़ी देर के लिए जरूर घुमाना चाहिए, और यदि कभी महिला का जाने का मन नहीं होता है तो आपको उन्हें घूमने के लिए प्रेरित करना चाहिए, क्योंकि इसके कारण महिला के स्वास्थ्य को बेहतर रहने में मदद मिलती है.

ऐसा करने से उसका स्वास्थ्य बेहतर रहता है और उसका मन भी बदल जाता है. फिलहाल कोरोना के कहर में आप उन्हें घर की छत पर ही घुमाएं.

(12) डॉक्टर से बात करें (Talk to a doctor)-

पत्नी को कब डॉक्टर के पास लेकर जाना है, कब कौनसा टेस्ट होना हैं, इंजेक्शन लगना है ये सब बातें पति को याद रखनी चाहिएं. हो सके तो यह सब अपनी डायरी में नोट करके रखें. आपकी पत्नी को किस बात से परेशानी हो सकती है ये सब आपके हिस्से के काम हैं.

(13) ड़र से करें डील (Deal with fear) – 

क्योंकि आपकी गर्भवती पत्नी इस समय कई तरह के बदलावों से गुजर रही हैं, ऐसे में वो इन्हें लेकर घबरा भी सकती हैं. हो सकता है कि वह ड़र जाएं, नर्वस रहे. ऐसे में यह आपके हाथ में है कि आप कैसे उनकी इस घबराहट और ड़र को दूर करें.

(14) प्रेगनेंसी में नींद का रखें ध्‍यान (Take care of sleep during pregnancy) –

इस दौरान आपकी पत्‍नी को खूब सारी एनर्जी की जरूरत होती है इसलिए घर की कुछ जिम्‍मेदारियों को आप अपने ऊपर ले लें और उन्‍हें आराम करने दें. पर्याप्‍त नींद लेने के बाद उन्‍हें भी अच्‍छा महसूस होगा और वो आपसे भी खुश रहेंगीं.

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(15) उनके साथ भविष्य की योजना बनाएं (plan a future with them) –

अपने बच्चे के जन्म का इंतजार करना बहुत खूबसूरत अहसास होता है. एक जिम्मेदार दंपति के रूप में, यह बहुत जरूरी है कि आप साथ मिलकर अपने फ्यूचर की प्लानिंग करें, ताकि बच्चे के पैदा होने के बाद आप उस प्लान पर अमल कर सकें.

अपनी पत्नी के साथ मिलकर आने वाले समय की प्लानिंग करें और सभी जरूरी चीजें उनके साथ डिस्कस करें, ये सभी चीजें उन्हें अहसास कराएंगी कि आप दोनों हमेशा हर चीज में एक साथ हैं. यह वह समय भी है जब आप दोनों को अपने बच्चे का नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए.

(16) जरूरी किताबें पढ़ें (Must read books) –

आजकल बुक स्टोर्स पर और ऑनलाइन बुक स्टोर्स पर प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई अच्छी किताबें  मौजूद हैं. उन्हें पढ़ें और इस बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करें. यह सब आपकी नॉलेज तो बढ़ाएगा ही, आप दोनों के बीच प्यार और बॉन्ड को अधिक मजबूत करेगा.

(17) धैर्य से काम लें (Be patient) –

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी धैर्य रखने की जरूरत होती है. इससे आपका रिश्‍ता और भी ज्‍यादा मजबूत होता है. ये समय आपकी जिंदगी का सबसे खास दौर होता है. प्रेगनेंसी

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