सावन के महीने में इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए

सावन के महीने में इन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए 

सावन के महीने में नहीं खाना चाहिए ये खाद्य पदार्थ- 

शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही ख़ास होता है और जुलाई से भगवान शिवजी का प्रिय माने जाने वाला सावन का महीना शुरू हो गया है. कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिवजी की पूजा करने से वो खुश होते हैं और उनकी पूजा करने वाले भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं.

ज्योतिषियों का कहना है कि इस महीने में रोज शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से पिछले कई सालों में पापों से मुक्ती मिलती है. बस आपको उन्हें सच्चे दिल से याद कर प्रसन्न करना होता है. भोलेनाथ को खुश करने के लिए कई लोग व्रत भी रखते हैं.

सावन के हर सोमवार को श्रीगणेशजी, शिव जी, पार्वती जी और नंदी की पूजा करें और शिवजी की पूजा में जल, दूध, चीनी, घी, शहद , पंचामृत, कलावा, वस्त्र यज्ञोपवि, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बिल्ब पत्र, दूर्वा, आक, धतूरा कमलगट्टा, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, पंचमेवा, धूप, दीप, दक्षिणा कपूर से आरती करनी चाहिए.

लेकिन ये तो रही भगवान को अर्पित करने की बात, लेकिन इस महीने में कुछ काम ऐसे भी हैं, जिन्हें करने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं.

आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ बातों की जानकारी जिनका सावन के महीने में विशेष ध्यान रखना चाहिए –

(1) हल्दी ना चढ़ाएं – 

सावन के महीने पर भूलकर भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए. कहा जाता है कि हल्दी का प्रयोग सिर्फ माता पार्वती पर किया जाता है.

(2) बैंगन से दूरी – 

सावन का महिना पवित्र माह होता है. जबकि बैंगन की गिनती अशुद्ध सब्जी में होती है. इसलिये सावन के महीने में बैंगन खाना भी अशुभ माना जाता है. इसके अलावा कार्तिक में भी बैंगन नहीं खाया जाता.

सावन के महीने में बैंगन ना खाना

अगर दूसरा पक्ष देखा जाए तो बारिश के मौसम में इसके अंदर कीड़े भी अधिक पनपते हैं जो नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिये इन दोनों ही वजहों से हमें सावन के महीने में बैंगन खान इसे बचना चाहिए.

(3) प्याज – लहसुन –

प्याज और लहसुन की गिनती तामसिक प्रवत्ति के भोजनों में होती है. कहा जाता है कि इस प्रवत्ति के भोजन को ग्रहण करने से प्रवत्ति के भोजन को ग्रहण करने से इंसान के अंदर क्रोध, जूनून, अहंकार और विनाश जैसे गुण आ जाते हैं. इसलिए सावन में लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए.

(4) मांस मदिरा –

सावन का महिना पवित्र माना जाता है, इसलिए इस माह में मांस खाने से हर हाल में बचना चाहिए.
सावन के महीने में इन सब चीजों के खान-पान को पाप माना जाता है.
खासकर मछली का सेवन तो बिलकुल न करें. इस मौसम में मछलियों के दिए अंडे नुकसानदायक होते हैं.

सावन के महीने में मांस मदिरा का सेवन नहीं करना

(5) दूध और डेयरी प्रोडक्ट –

शास्त्रों में कहा गया है कि सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस महीने में दूध का सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
हालाँकि आप दूध और दही का इस्तेमाल भोलेनाथ के अभिषेक में कर सकते हैं. वहीं दूध जरूरी हो तो इसे कच्चा न पिए. ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि बारिश के इस मौसम में पाचन उतना अच्‍छा नहीं होता.
इसे अच्छे से उबाल उबाल कर पिए. ताकि इसके अंदर के कीटाणु मर जाए.

(6) तेल नहीं लगाना – 

सावन के महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही इस महीने में कांसे के बर्तन में खाना-खाना चाहिए.

सावन के महीने में तेल की मालिश ना करना

(7) स्पाईसी फूड –

मसालेदार भोजन बस स्वाद में अच्छा होता है, लेकिन शरीर के लिए ये कई बीमारी लाता है. इसे आसानी से नहीं पचाया जा सकता है. इसे पचाने में आंतों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे बॉडी की एनर्जी कम होती है. सावन में वैसे ही सब बहुत व्यस्त होते हैं. इसलिए एनर्जी बचाएं और मसालेदार भोजन न खाएं.

(8) कढ़ी –

सावन के महीने में कढ़ी खाने से वात दोष बढ़ता है और कहा जाता है कि कढ़ी में प्याज और दूध से बनने वाली दही का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे नहीं खाना चाहिए.
यदि आप इसका सेवन करते हैं तो दुबलापन, नींद की कमी, आवाज का भारी होना जैसी समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं.

(9) हरी पत्तेदार सब्जियां –

सावन में हरे रंग का खास महत्व होता है. महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं पर इस दौरान हरी सब्जियों को खाना मना होता है. इसकी वजह ये है कि इस महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर में वात को बढ़ाती हैं.

अगर वैज्ञानिक कारण देखा जाए तो सावन का महीना बारिश का होता है और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े मिलते हैं, इसलिए इनके सेवन से लोगों को बचना चाहिए.

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