गणेश चतुर्थी कब है..? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी कब है..? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी कब है – 

भारत में लोग गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं. इस साल यह त्यौहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश भगवान शंकर और माता पार्वती के बेटे हैं.जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है. सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है. यह त्यौहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. बहुत सारे लोग इस त्योहार के दौरान भगवान गणेश की मूर्ति को अपने घर लाते हैं.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मध्याह्न काल गणेश पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इस दौरान विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके कष्टों का निवारण होता है. भगवान गणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी कब है (When is ganesh chaturthi) –

इस साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) का पावन पर्व 31 अगस्त 2022 को बुधवार के दिन पड़ रहा है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार मध्याह्न काल गणेश पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इस दिन पूजा का शुभ मुहुर्त 11:05 AM से शुरू होकर 01:38 PM तक रहेगा. यानी पूजा के शुभ मुहूर्त का कुल समय 2 घंटे 33 मिनिट का है.

गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Auspicious time of ganesh chaturthi) –

गणेश महोत्सव आरंभ – 31 अगस्त, 2022, बुधवार

गणेश महोत्सव समापन (अनंत चतुदर्शी) – 9 सितंबर, 2022

गणेश विसर्जन – 9 सितंबर 2022, शुक्रवार

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गणेश चतुर्थी पूजा विधि (Ganesh Chaturthi Puja Method) –

गणेश चतुर्थी व्रत व पूजन विधि – 

  • प्रातः स्नान करने के बाद सोने, तांबे या मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें.
  • कलश में जल भरकर उसके मुंह पर कोरा वस्त्र बांधकर उसके ऊपर गणेश जी को विराजमान करें.
  • पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, दूर्वा, लड्डू और मोदक आदि एकत्रित करें.

गणेश चतुर्थी

  • उसके बाद गणेश जी को तिलक करें और दूर्वा चढ़ाएं फिर दीया प्रज्वलित करके गणपति बीज मंत्र “ॐ गं गणपतेय नमः” की एक माला का जाप करें.
  • गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अर्पित करके 21 लडडुओं का भोग लगाएं. इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करके शेष लड्डू गरीबों या ब्राह्मणों को बाँट दें. गणपति को मोदक भी अत्यंत प्रिय है इसलिए मोदक चढ़ाने से भी गणपति अत्यंत प्रसन्न होते हैं.
  • शाम के समय गणेश जी का पूजन करना चाहिए. गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा व आरती पढ़ने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए.

गणेश चतुर्थी पर ना करें ये गलतियां (Do not make these mistakes on Ganesh Chaturthi) –

  • गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. यदि आप भूलवश चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें.

गणेश चतुर्थी

  • गणेश जी की पूजा करते वक्त कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए. ऐसी मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था. गणेश भगवान ने नाराज होकर उन्हें श्राप दिया था.
  • गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
  • गणपति की पूजा में नई मूर्ति का इस्तेमाल करें. पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दें. घर में गणेश की दो मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए.
  • भगवान गणेश जी की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए. अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है.

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